कुछ दिन पहले बीता दशहरा और अभी दिवाली भी गयी बीत
बात यह पता चली हमें कि यह त्यौहार हैं बुराई पर अच्छा की जीत
या गलत पर सही की जीत या असत्य पर सत्य की जीत
पर यह झूठ और सच हैं क्या या कहे क्या है सही और क्या है गलत
इसकी परिभाषा कहाँ से आई किसने किया इसे परिभाषित
बहुत सोचा पर जवाब नहीं मिला इसपर
क्योकि श्री राम ने बाली का किया था वध छुपकर
या अश्वतथामा का जो वध करवाया था युधिष्ठिर से कुछ हटकर
किस परिभाषा में यह सही थे अपने को खंगाला पर कुछ नहीं समझ पाया
कल अखबार पढ़ रहा था देखी उसमे एक खबर ,मै रुका और उसे पढ़ने लगा
एक आदमी ने चोरी की क्योकि उसे अपनी अंधी बूढी माँ और छोटे से बच्चे का पेट था भरना
जो कई दिन से थे भूखे,काम नहीं मिला ,नहीं देख पाया बिलखते बच्चे को और तडपती माँ का रोना इसलिए चोरी की ...पर वो पकड़ा गया बेचारा और उसकी पिटाई भी हुई जमकर
पढ़ कर मै सोचने लगा कि क्या गलत किया उसने अगर वो चाह रहा था भरना पेट माँ का
माँ और बच्चे के लिए तो वो सही ही था पर जिसके यहाँ चोरी की उसके लिए गलत.
तो कैसे एक काम सही भी था और भी था गलत
कही पढ़ा कि सूरज पूरब से निकलता है यह एकदम सही
मेरी सोचने की आदत ने फिर कर दिया मुझे सोचने को मजबूर
और जवाब मिला यह तो सिर्फ तभी सत्य हैं जब हम वासी इस दुनिया के
कल को अगर मिलेगा हमें कोई बंधू किसी दूसरे ग्रह से इस ब्रह्माण्ड में
तब भी होगा क्या सत्य यही पर नहीं मिला वो उत्तर जिसको कहूँ सही
तो इसका मतलब यही था कि नहीं इस ब्रहमांड में कुछ ऐसा जिसको कह दे सब सही
यह तो है सब हमारे समाज , धर्म माता-पिता के बनाये कायदे-कानून
जिनका मकसद है चलता रहे यह समाज ब-दस्तूर
और बनाए गए कुछ मानवीय मूल्य जिस से हो सके निर्णय क्या है सही और है क्या गलत
है जीवन में जरूरी यह सीखना जिस से कि जब कभी भी हो जीवन और मृत्यु में फासला कम
तब कोई भी जल्दी से और ठीक से ले सके निर्णय कोई
पर सवाल था खडा सामने कि क्या इन मूल्यों के साथ है चल सकता कोई
परिस्थितियों के कारण भी आदर्श कभी होते हैं गलत और होते हैं कभी सही
भूखे व्यक्ति के सारे पाप उसकी भूख के कारण मान लिए जाते है मजबूरी
बहुत कहते है कि क्या फल मिला सही काम करने का, आज भूखों मर रहे हैं हम ही
सही गलत की वजह से मुझे हो रही परेशानी बड़ी , कोई भी किसी भी चीज को बोल देता है सही
किसी ने कहा सही या सच वो हैं जिसे करने से मिले खुशी ,
और एक झूठ या गलत बोलने पर उसे छुपाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है कड़ी
वही सही बोलने पर मन रहता हैं खुश और नहीं होती चिंता कोई
पर प्रश्न था क्या हर काम दे सकता है मुझे खुशी पर सोचा शायद हो सच यही
मै जुट गया हर वो काम करने में जो दे सकता था मुझे खुशी
पर जब अपने ही किसी काम से एक दोस्त को पाया दुखी क्योकि हुआ था उसका नुकसान मेरे काम से
तो लगा कि नहीं यह भी सच नहीं मतलब था कि जब दोनों लोग खुश हो तभी हैं वो कर्म सही
फिर मुझे याद आया वो किस्सा चोर का वहां तो उस आदमी ने जो काम किया
उसे तो था अपनी माँ और बच्चे का पेट भरना , फिर मिलती इस से दोनों को खुशी
तो क्या था यह काम सही , पर साथ ही याद आया वो दुकानदार जिसके यहाँ थी हुई चोरी वो था दुखी फिर कैसे वो काम हो सकता है सही जिस से है कोई दुखी
राम ने वध किया था रावन का और बाली का दोनों में ही उनके भाई ने की थी मदद राम की,
तो कैसे था यह सही , पर वध हुआ मानवता की भलाई के लिए इसमें सब थे खुश और वो कर्म था सही
तो समझ आया कोई भी ऐसा काम करो जिससे हो आप खुश
किया जिसके लिए वो काम मिली उसे खुशी हो और बाकि लोग अगर नहीं हो खुश
पर ना हो नुकसान कोई बस है वही काम सही बाकि है सब काम गलत
फेस बुक की सीमा की वजह से .........यहाँ सब मित्रों को टेग नहीं किया जा सकता........ ...........तो सब को आमंत्रण हैं कि वो इस आलेख को पढ़े ...और अपनी टिप्पणी दे......नरेश..
Add a caption
RIGHT OR WRONG ................सही या गलत कुछ दिन पहले बीता दशहरा और अभी दिवाली भी गयी बीत बात यह पता चली हमें कि यह त्यौहार हैं बुराई पर अच्छा की जीत या गलत पर सही की जीत या असत्य पर सत्य की जीत पर यह झूठ और सच हैं क्या या कहे क्या है सही और क्या है गलत इसकी परिभाषा कहाँ से आई किसने किया इसे परिभाषित बहुत सोचा पर जवाब नहीं मिला इसपर क्योकि श्री राम ने बाली का किया था वध छुपकर या अश्वतथामा का जो वध करवाया था युधिष्ठिर से कुछ हटकर किस परिभाषा में यह सही थे अपने को खंगाला पर कुछ नहीं समझ पाया कल अखबार पढ़ रहा था देखी उसमे एक खबर ,मै रुका और उसे पढ़ने लगा एक आदमी ने चोरी की क्योकि उसे अपनी अंधी बूढी माँ और छोटे से बच्चे का पेट था भरना जो कई दिन से थे भूखे,काम नहीं मिला ,नहीं देख पाया बिलखते बच्चे को और तडपती माँ का रोना इसलिए चोरी की ...पर वो पकड़ा गया बेचारा और उसकी पिटाई भी हुई जमकर पढ़ कर मै सोचने लगा कि क्या गलत किया उसने अगर वो चाह रहा था भरना पेट माँ का माँ और बच्चे के लिए तो वो सही ही था पर जिसके यहाँ चोरी की उसके लिए गलत. तो कैसे एक काम सही भी था और भी था गलत कही पढ़ा कि सूरज पूरब से निकलता है यह एकदम सही मेरी सोचने की आदत ने फिर कर दिया मुझे सोचने को मजबूर और जवाब मिला यह तो सिर्फ तभी सत्य हैं जब हम वासी इस दुनिया के कल को अगर मिलेगा हमें कोई बंधू किसी दूसरे ग्रह से इस ब्रह्माण्ड में तब भी होगा क्या सत्य यही पर नहीं मिला वो उत्तर जिसको कहूँ सही तो इसका मतलब यही था कि नहीं इस ब्रहमांड में कुछ ऐसा जिसको कह दे सब सही यह तो है सब हमारे समाज , धर्म माता-पिता के बनाये कायदे-कानून जिनका मकसद है चलता रहे यह समाज ब-दस्तूर और बनाए गए कुछ मानवीय मूल्य जिस से हो सके निर्णय क्या है सही और है क्या गलत है जीवन में जरूरी यह सीखना जिस से कि जब कभी भी हो जीवन और मृत्यु में फासला कम तब कोई भी जल्दी से और ठीक से ले सके निर्णय कोई पर सवाल था खडा सामने कि क्या इन मूल्यों के साथ है चल सकता कोई परिस्थितियों के कारण भी आदर्श कभी होते हैं गलत और होते हैं कभी सही भूखे व्यक्ति के सारे पाप उसकी भूख के कारण मान लिए जाते है मजबूरी बहुत कहते है कि क्या फल मिला सही काम करने का, आज भूखों मर रहे हैं हम ही सही गलत की वजह से मुझे हो रही परेशानी बड़ी , कोई भी किसी भी चीज को बोल देता है सही किसी ने कहा सही या सच वो हैं जिसे करने से मिले खुशी , और एक झूठ या गलत बोलने पर उसे छुपाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है कड़ी वही सही बोलने पर मन रहता हैं खुश और नहीं होती चिंता कोई पर प्रश्न था क्या हर काम दे सकता है मुझे खुशी पर सोचा शायद हो सच यही मै जुट गया हर वो काम करने में जो दे सकता था मुझे खुशी पर जब अपने ही किसी काम से एक दोस्त को पाया दुखी क्योकि हुआ था उसका नुकसान मेरे काम से तो लगा कि नहीं यह भी सच नहीं मतलब था कि जब दोनों लोग खुश हो तभी हैं वो कर्म सही फिर मुझे याद आया वो किस्सा चोर का वहां तो उस आदमी ने जो काम किया उसे तो था अपनी माँ और बच्चे का पेट भरना , फिर मिलती इस से दोनों को खुशी तो क्या था यह काम सही , पर साथ ही याद आया वो दुकानदार जिसके यहाँ थी हुई चोरी वो था दुखी फिर कैसे वो काम हो सकता है सही जिस से है कोई दुखी राम ने वध किया था रावन का और बाली का दोनों में ही उनके भाई ने की थी मदद राम की, तो कैसे था यह सही , पर वध हुआ मानवता की भलाई के लिए इसमें सब थे खुश और वो कर्म था सही तो समझ आया कोई भी ऐसा काम करो जिससे हो आप खुश किया जिसके लिए वो काम मिली उसे खुशी हो और बाकि लोग अगर नहीं हो खुश पर ना हो नुकसान कोई बस है वही काम सही बाकि है सब काम गलत फेस बुक की सीमा की वजह से .........यहाँ सब मित्रों को टेग नहीं किया जा सकता........ ...........तो सब को आमंत्रण हैं कि वो इस आलेख को पढ़े ...और अपनी टिप्पणी दे......नरेश..
In this photo: Jayandran Gopalakrishnan, Prem Mathaliya, आनंद वर्मा (photos), Nitindra Badjatiya, Poonam Matia, Rajeev Kumar (photos), नवीन कुमार, Manjula Saxena (photos), राजू मिश्र, Bishwa Nath Singh (photos), Manisha Jain, Pawan Jain, Surya Mohan Dubey (photos), Hareesh Khetani (photos), Swami Mrigendra Saraswati (photos), Gopal Krishna Shukla (photos), Hpsingh Jadoun, Ghulam Kundanam (photos), Kaustubh Shukla (photos), Ambarish Srivastava (photos), Hari Kishan Purohit, Ravi Razdan (photos), Naresh Matia (photos), कुम्पसिंह सौलंकी (photos), Parveen Kathuria (photos), Tarang Matia, Kiran Arya, Swami Ganeshanand (photos), Rasesh Rastogi (photos), Rahim Khan (photos), डॉ. सरोज गुप्ता, Sushil Joshi (photos), Mahendra Gaur (photos), Sunita Singh (photos), Meena Garg, Dharm Pal Jangra, Rakesh Ranjan (photos), Sadhvi Chidarpita, Ñizam Ãli, Madhu Sudan Muskara (photos)
Added 57 minutes ago · LikeUnlike · Comment
*
*
4 people like this.
*
o
Poonam Matia naresh u r gr8 as ever.............mind boggling.........rt ya wrng.......actualy its the context.....which decides the aptness of the action.........hope u hav a nice discussion on ur composition......all the best.....i'll join u again........
53 minutes ago · LikeUnlike · 1 personNaresh Matia likes this. ·
o
Mahendra Gaur
Nice sir.................main us insan ko Chor nahi kahunga jisne apne bachho aur maa ka pet bharne ke liye roti li...............agar usne galat kiya to bhagwan ram ne bhi galat kiya tha chhup kar war kiya tha......................
Sorry ag...ar mere is comments se kisi ki dharmik bhavna ko aaghat pahuche...................See More
44 minutes ago · LikeUnlike · 2 peopleLoading... ·
o
Parveen Kathuria yadi andhi budhi maa aur bhookh se tadpate bachhe ke liye chori ka sahara lena pada to iss ke liye hamari vayavastha jimmewar hai...jahan kisi ko pet bharne ke liye chori ka sahara lena pada....yeh desh ka durbhagya hai ki yahan logon ko roti k liye sangharsh karna padta hai..jabki viksit deshon mein log vikas ke liye sangharsh karte hain.
37 minutes ago · LikeUnlike · 2 peopleLoading... ·
o
Naresh Matia parveen ji aapki bat sahi hai............par yahaa bat sahi aur galat ki hain...........ki kya sahi hain aur kya galat.....
36 minutes ago · LikeUnlike ·
o
कुम्पसिंह सौलंकी वाह बहुत सुँदर लेख नरेश....सही और गलत का फैसला अगर एक इँसान करे तो हो सकता है उनके अनुभवोँ के आधार पर सही भी हो पर यकिन करना भी ठीक नहीँ, आम धारणा जाने बिना ।
35 minutes ago · LikeUnlike · 2 peopleLoading... ·
o
Pawan Jain कोई व्यक्ति जब कोई भी कार्य करता है तो उसके पास इसके लिए कुछ तर्क भी होते हैं...आप सहमत हों या नहीं...... ये और बात है| इसी तरह सही/ग़लत का सबका अपना-अपना नज़रिया है.....दूसरे चाहे कुछ भी सोचें|
34 minutes ago · LikeUnlike · 1 personLoading... ·
o
Naresh Matia सही कहा कुम्प सिंह जी.............अपने अनुभव के आधार पर ही सही गलत का फैसला करना उचित हैं.
33 minutes ago · LikeUnlike ·
o
कुम्पसिंह सौलंकी क्षमा करे मित्रौँ हमसे लिखते लिखते चुक हो गई सम्बोधन नरेशजी करके पढा जाये....
32 minutes ago · LikeUnlike · 1 personLoading... ·
o
Parveen Kathuria yadi ram ne koi galti nahi ki thi to galti uss ki bhi nahin hai jisne maa aur bhook se tadpate bachhe ke liye chori ki....
32 minutes ago · LikeUnlike · 1 personLoading... ·
o
Naresh Matia कुम्पसिंह जी कोई फरक नहीं पड़ता...........
32 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia सही कह रहे है परवीन जी.............पर बात सही गलत के फैसले में यह भी होना चाहिए कि उस से किसी को कोई नुक्सान तो नहीं हो रहा.........
31 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Parveen Kathuria maryada tabhi follow ki jati hain jab pet bhara ho....
31 minutes ago · LikeUnlike · 1 personNaresh Matia likes this. ·
o
Naresh Matia परवीन जी.....पर .......पेट .......गलत को सही तो नहीं कर देगा............
30 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Kiran Arya
Naresh ji jaruri nhi jo ek ke liye sahi ho vo dusre ke liye bhi sahi ho, her insaan apni samjh, soch aur anubhav ke adhaar per nirdharit karta hai ki kya sahi hai aur kya galat, jisne apni Ma aur bete ki bhookh se pedit hoker chori ki, uske... liye vo raasta bilkul sahi tha, lekin agar dukaandaar ke najariye se dekhe, to chori karne wala apradhi tha uski nazar me, jahan tak kisi ke dukhi hone ki baat hai, to yeh to vohi bata sakta hai, ki dukh dene wale ka nazaria sahi tha ya galat.....Isiliye yeh ek aisa vishay hai, jisper ek rai hona aswabhabhik hai.................See More
29 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia किरण जी.........एक राय क्यों होनी चाहिए............पर तब भी हम बच्चो को सीखाते हैं कि क्या गलत हैं क्या सही.............
28 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Kiran Arya Naresh ji sahi kaha aapne ki ham bacchon ko seekhate hai ki kya galat hai aur kya sahi hai, lekin phir bhi vo paristhithio ke aadhar per tay karte hai, ki unke liye kya galat hai aur kya sahi hai, aur yeh to aap maanegne ki jaruri nhi vo hamse sahmat hi ho........maine yahi kaha ki is baare me sabhi ki rai unke anubhav aur samjh per nirbhar karti hai..........jo aapke liye sahi ho, kya pata dusre ko thhes pahucha jaaye..............
25 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Parveen Kathuria jis parkar ravan ko marna ram ki priority thi... usi parkar
maa aur bachhe ka pet bharna chori karne wale kii priority thi....sahi hai ya galat ka nirnya lena nahi....
24 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia जी हां.मैंने कब कहा कि......किसी के सहमत होने कि जरूरत हैं.इसलिए मैंने यही लिखा कि वो काम जिसमे सब खुश हो वही काम सही हैं............बाकी काम गलत .........
23 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Pawan Jain क्षमा करें नरेश जी, सबको तो भगवान भी खुश नहीं कर सकते....!!
22 minutes ago · LikeUnlike · 2 peopleRavi Razdan and Kiran Arya like this. ·
o
Naresh Matia परवीन जी...........फिर भी हम दशहरा पर यही शिक्षा देते हैं कि.यह गलत पर सही कि जीत हैं.क्यों...............बच्चो को ऐसा क्यों सीखाया जाता है
22 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia पवन जी.........सबको नहीं कर सकते.........पर अपने आस-पास के लोगो को अपने कार्यों से कर ही सकते हैं या नहीं.........
21 minutes ago · LikeUnlike · 1 personKiran Arya likes this. ·
o
Kiran Arya Naresh ji aisa to ho hi nhi sakta ki aap koi kaam kare aur sab khush ho jaaye, jo aapse sahmat nhi honge vo kaise khush ho sakte hai.....
21 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia किरण जी.......क्या आप सोचती हैं कि..........आपके कार्यों से लोग दुखी हो जाते हैं............
19 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Pawan Jain @नरेश जी, अपने आस पास के लोगों में majority को.......पर सबको नहीं....!!
18 minutes ago · LikeUnlike · 1 personLoading... ·
o
Kiran Arya Naresh ji ham sabhi prayaas ker sakte hai ki hamare karyo se koi dukhi naa ho, lekin anjaane me ham kuch aise karya bhi ker dete hai, jo kisi ke dukh ka karan ban jaaye.............to ham sabko to khush nhi rakh sakte hai na, sirf koshish ker sakte hai............
17 minutes ago · LikeUnlike ·
o
कुम्पसिंह सौलंकी आज का जमाना हाँ मेँ हाँ मिलाने वाला भी हो गया है अक्सर देखा जाता हैँ आधुनिक मिडिया मेँ किसी आम को भगवान देँते है कभी भगवान को आम....
17 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia पवन जी.........तो वही आम आदमी के बस कि बात होती हैं.....................अगर वो भी आपके कार्य से दुखी होंगे तो क्या आप उस कार्य को सही मानेंगे.चाहे वो आपको कोई खुशी दे रहा हो..........
17 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia किरण जी..............पर आपको भी उस वक्त बुरा लगता होगा न .......कि वो मेरे इस कार्य से दुखी हैं .........
16 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia कुम्प सिंह जी............मीडिया कि बात तो अलग हैं वो TRP के चक्कर में कुछ भी कर सकता हैं........पर बात यहाँ आम लोगो कि हैं...मीडिया की नहीं.....
15 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Ravi Razdan DOSTO EK BAAT batayeen galat kaun hai aur kaun sahi...do miter railwy stn per mile aur dono ek duserey key gale lag kar royee.... annsu tham nahi rahe theee....door ek sajjan unhey dekh raha thaa ussey na raha gaya aur oooch behta 1st say aap ro kyoon rahe hain... ans thaa''....Iss gaddi say meri biwi jaa ahi hai 10 din kay liye..iss ke pall yeh dus din kaise gujaruungaa....iss liye roo raha hoon..2nd say poochha bai tum kayoon ro rahee ho...ans thaa issi gaddi say meri biwi apney mayke say wapis aa rahi hai...
12 minutes ago · LikeUnlike · 2 peopleLoading... ·
o
Kiran Arya Naresh ji aapne kaha ki agar koi ek dukhi ho bhi aur baaki log aur aap sukhi hai, aur dukhi hone wale ka nuksaan bhi nhi ho raha to vo kaam sahi hai, to phir dukh kaisa dusre ke dukh se, jab aapki nazar me aapne jo kiya vo sahi hai to?
10 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia हा हा हा हा..............वाह रवि जी.....क्या जोक मारा हैं.............बहुत खूब.......
10 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Ravi Razdan pawan bai..aap such he keh rahe hain sabko God kussh nahi rakh sakta..
9 minutes ago · LikeUnlike · 1 personNaresh Matia likes this. ·
o
Naresh Matia किरण जी...........अगर मै किसी को मारू और मै खुश हो रहा हूँ उसे पीट कर तो क्या वो काम सही होगा............
9 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia कम से कम मै यह तो कर सकता हूँ कि अपने कार्यों से ज्यादा से ज्यादा लोगो को खुश कर सकू...........अगर ज्यादा लोग खुश नहीं तो कम से कम से दुखी तो ना हो.........
7 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Kiran Arya Nahi maine aisa nhi kaha, me to sirf aapki baat per kah rahi hu, aapne kaha ki aapke karya se agar koi ek dukhi ho aur baaki sab khush, to vo kaam sahi hai...............
6 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia मैंने कब कहा कि कोई एक दुखी हो............
6 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia मैंने कहा कि.............कार्य वो सही.जो मुझे खुशी दे ,जिसके लिए किया वो खुश हो............और बाकी लोग अगर खुश नहीं हो तो दुखी भी ना हो...........
4 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Ravi Razdan naresh bai....chaliyee phir vahi baat agar ek chor chori karke bagh raha hai aap usse pakad lete hain aur de tabad tod laaffe marte hain kaya yeh sahi nahi hai...isska matlab hai ki DOOD DAHI AND LASSI tino ki tassir apni jagah alag hai.......!!!!!!!
4 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Badrinath Vasandi charcha gambhir hai...mahendra ki abhivyakti ki dad deta hu
4 minutes ago · LikeUnlike · 1 personLoading...
o
Ambarish Srivastava तो समझ आया कोई भी ऐसा काम करो जिससे हो आप खुश
किया जिसके लिए वो काम मिली उसे खुशी हो और बाकि लोग अगर नहीं हो खुश पर ना हो नुकसान कोई बस है वही काम सही बाकि है सब काम गलत.......Vaah bhai vaah ........
3 minutes ago · LikeUnlike ·
o
Naresh Matia रवि जी............यहाँ मैंने कहा कि किसी के यहाँ चोरी हो रही थी...कल ऐसा कोई चोर हमारे अपने घर चोरी करने आये तो क्या कहेंगे हम उसे...........
3 minutes ago · LikeUnlike ·
*
Write a comment...
From the album:
MY POINT OF VIEW by Naresh Matia
ShareTag This PhotoReport This Photo
See All
People in this Album
Poonam MatiaAdd as Friend
Manisha JainAdd as Friend
Create an Ad
Sponsored
Bring The Change!
awakind.com
INDIA's Biggest Revolution! 4,05,000+ INDIANs joined. Lets make INDIA a better place to live in. Jai Hind!
Pepsi Max - Spin & Win!
Everyone can spin the bottle. Can you MAX it? PLAY the game on Pepsi Max Mates & win cool MAX goodies.
Eagle Flight Training - The...
New Zealand CPL(A) & CPL(H). January 2011 admission. Please contact us to apply.
Like · Gurpreet Singh likes this.
Chicco India
What is your favourite moment of happiness? Share it here and win special CHICCO happiness hampers.
Like · Ram Karandikar likes this.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Vasandi ...................ji u have shared and postes Naresh 's write up ........u shd have informed Him or me .........its gd that u wanted others to read this .........but still I mst say .....action is not very justified
ReplyDelete